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भेड़ाघाट

Thursday, October 20, 2011

भावी प्रधानमंत्री अपराधियों की मोटर साइकिल पर



विनोद उपाध्याय

राजनीति में अपनी पैठ बनाने के लिए नेता किस हद तक जा सकते हैं इसके नजारे हम रोज देखते और सुनते है। ऐसा ही नजारा पिछले दिनों राजस्थान के गोपालगढ़ में देखने को मिला,जहां देश के भावी प्रधानमंत्री राहुल गांधी एक अपराधी की मोटर साइकिल पर सवार होकर 6 किलोमीटर घूमे।
दरअसल गोपालगढ़ में पिछले दिनों हुए एक गोलीकांड में राजनीति की रोटी सेंकने का सिलसिला चल रहा था। कांग्रेस ने इस बहती गंगा में हाथ धोने के लिए राहुल गांधी को बुला लिया। भाजपा ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के महासचिव राहुल गांधी ने जिन दो लोगों की मोटर साइकिल पर बैठकर गोपालगढ़ और आसपास के गांवों का दौरा किया था, उन दोनों के खिलाफ क्षेत्र के थानों में कई मामले दर्ज है। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल ने एक समुदाय के लोगों के मिलकर दोनों समुदाय के लोगों के बीच वैमनस्य के बीज बो दिए हैं। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी और प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. दिगंबर सिंह ने बताया कि राहुल पहाड़ी तहसील के पथराली गांव पहुंचे, उस समय उनके आगे बिल्ला उर्फ आशू पुत्र इस्माइल मोटर साइकिल चला रहा था। बिल्ला के खिलाफ पहाड़ी थाने में कई मामले दर्ज हैं। राहुल गांधी पथराली में सरफराज उर्फ शरफू पुत्र हिम्मत के घर गए। चतुर्वेदी और डॉ. सिंह ने आरोप लगाया कि शरफू मेवात इलाके में टटलू गैंग का सरगना है और उसके खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। एक मामले में उसके खिलाफ स्टेंडिंग वारंट भी जारी है, फिर भी शरफू बेखौफ सरेआम घूम रहा है। पथराली में एक मृतक के घर सांत्वना देने पहुंचे राहुल गांधी के साथ बिल्ला और शरफू दोनों थे।
राहुल बिल्ला की मोटर साइकिल पर और उनका निजी सहायक शरफू की मोटर साइकिल पर बैठकर गोपालगढ़ में गए थे। गोपालगढ़ में मस्जिद देखने के बाद जाते समय राहुल ने बिल्ला से गले लगाया और कोई काम होने पर दिल्ली आने का न्यौता भी दिया। इस यात्रा के बाद इन दोनों ने क्षेत्र में दहशत फैलाना शुरू कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों अपराधी कामां विधायक जाहिदा के कृपापात्र हैं। चतुर्वेदी ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल की यात्रा के बाद दोनों समुदाय में वैमनस्य बढ़ा है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की यात्रा के बाद ही सीबीआई की टीम जांच के लिए आई है, इससे भी जांच पर शक होता है। उन्होंने चेतावनी दी कि जांच में अगर एकतरफा कार्रवाई की तो भाजपा आंदोलन करेगी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के इस गुपचुप दौरे ने यह भी साबित कर दिया है कि दिल्ली के नेताओं को राज्य सरकार पर भरोसा नहीं है।
उधर स्थानीय विधायक अनीता सिंह ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के गोपालगढ़ दौरा को महज दिखावटी व राजनीति से प्रेरित बताया है। विधायक सिंह ने कहा कि मेवात क्षेत्र में राहुल का दौरा न यूपी चुनावों की राजनीति से प्रेरित है। उन्होंने एक पक्ष के लोगों से मिलकर कांग्रेस की पुरानी तुष्टिकरण वाली नीति को उजागर किया है। गोपालगढ़ कस्बे में फायरिंग के बाद राज्य सरकार द्वारा एसपी व कलेक्टर को निलंबन करना सांप्रदायिक ताकतों को बढ़ावा देना है। इससे मेवात क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ेगा। जिससे शांति व्यवस्था कायम होने में समय लगेगा। विधायक अनीता सिंह ने कहा कि राहुल को मेवात क्षेत्र में शांति कायम करने के लिए दोनों पक्षों के लोगों से मिलना था। तभी घटना की सही स्थिति उन्हें मिल पाती।
उल्लेखनीय है कि 14 सितंबर को गोपालगढ़ फायरिंग में मारे गए लोगों और घायलों के परिजनों से मुलाकात करने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी 9 अक्टूबर की सुबह करीब नौ बजे अचानक गोपालगढ़ पहुंचे थे। उनके साथ केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह भी थे। कहा तो यह भी जा रहा है कि राहुल के इस दौरे की जानकारी न सरकार को थी न प्रशासन को। राहुल करीब दो घंटे तक मोटरसाइकिल पर बैठकर गोपालगढ़ के अलावा पिथोली, परसोली व मालिगा गांवों में घूमे। उधर प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि 8 अक्टूबर की दोपहर राहुल गांधी की टीम के तीन व्यक्ति गांव पथराली पहुंचे थे। इनकी गाडिय़ों पर नंबर प्लेट नहीं थीं। तीनों लोग गांव के बिल्ला नामक युवक से मिले और गांव व घटना के बारे में जानकारी ली।
बिल्ला के अनुसार तीनों व्यक्तियों में से एक ने अपना नाम चंदर खां बताया और दूसरे ने यादव। तीसरे ने अपने बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी। इन तीनों व्यक्तियों ने बिल्ला से गोपालगढ़ फायरिंग में मारे गए लोगों के घर ले जाने की बात कही। तीनों से पीडि़तों के घर देखे। गांव के कुछ अन्य लोगों से भी घटना की जानकारी की। इसके बाद बिल्ला से कहा कि 9 अक्टूबर सुबह उनके साहब आएंगे। मदद करना। बिल्ला ने स्वीकृति दी। 8 अक्टूबर की सुबह सात बजे बिल्ला को चंदर ने फोन किया और कहा कि तिलक पुरी आ जाए। बिल्ला तिलक पुरी से थोड़ी दूर ही था कि गाडिय़ों के काफिले ने उसे रोक लिया। टूरिस्ट गाड़ी से राहुल गांधी को उतरते देख बिल्ला भी हैरान रह गया। राहुल बिना देर किए बिल्ला की मोटरसाइकिल पर बैठ गए और मोबाइल स्विच ऑफ करा दिया। इसके बाद बिल्ला से कहा गया कि 8 अक्टूबर को जहां गए थे, वहीं ले चलें। यह स्थान तिलक पुरी से एक किलोमीटर दूरी पर था। यहां से दो किलोमीटर दूर गांव पथराली, इतनी ही दूरी पर मालीकी तथा एक किलोमीटर दूर पिपरौली गांव पहुंचे। यहां से राहुल कार से गोपालगढ़ गए। इस तरह राहुल ने 6 किलोमीटर का सफर मोटरसाइकिल से तय किया। राहुल के गोपालगढ़ दौरे को लेकर प्रदेश में राजनीतिक चर्चाओं का दौर तेज हो गया है। प्रदेश कांग्रेस और सरकार के रहनुमाओं की नजरें अब राहुल के रुख पर टिकी हैं। उधर भाजपा इस मामले को तूल देने की कोशिश कर रही है। अब देखना यह है कि शह मात के इस खेल में कौन बाजी मारता है।

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