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भेड़ाघाट

Tuesday, April 17, 2012

आतंकियों का हथियार बनीं बार गर्ल्स





भारत के ख़िलाफ़ रची गई है अब तक की सबसे ख़ौफ़नाक साजि़श. आतंकवादियों ने इस बार भारत पर हमले के लिए तैयार की है महिला ब्रिगेड. इस महिला ब्रिगेड में मुंबई और पाकिस्तान में काम करने वाली बार गर्ल्स शामिल हैं. भारतीय ख़ु़फिया एजेंसी के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि दुबई में बैठे दाऊद और उसके गुर्गे मुंबई और पाकिस्तान की बार गर्ल्स को डांस करने के नाम पर दुबई बुलाकर उन्हें आतंकी वारदातें अंजाम देने की ज़बरदस्त ट्रेनिंग दे रहे हैं. इतना ही नहीं, पाकिस्तान में भी 21 महिलाओं की एक टीम तैयार की जा चुकी है, जो मौक़ा मिलते ही भारत में घुसकर हमला करने की फिराक में है. आई बी को इस ख़तरनाक साजि़श की जानकारी तब मिली, जब मुंबई पुलिस ने जे बी नगर के अंधेरी कुर्ला रोड स्थित एक होटल सन एंड शील पर छापा मारा. इस होटल से गिरफ्तार बार डांसर्स और उनके मालिक से हुई गहन पूछताछ के बाद पुलिस को जो जानकारी मिली, वह दंग कर देने वाली थी. पता चला कि इस होटल में बार और डिस्कोथेक के नाम पर सेक्स रैकेट चलता है और यहां काम करने वाली लड़कियां दुबई, पाकिस्तान, मॉरिशस, बैंकॉक और थाईलैंड तक भेजी जाती हैं. ये लड़कियां भारत में आतंक फैलाने के लिए जि़म्मेदार संगठनों के लिए न सफिऱ् जासूस का काम करती हैं, बल्कि हवाला और मटका जैसे धंधों के लिए बड़ी मात्रा में पैसे इधर से उधर करने का भी ज़रिया बनती हैं. इस नए आतंकी गिरोह में शामिल लड़कियां अपने खातों में विदेशों से जमा पैसों को दर्जनों वीजा कार्ड्स के ज़रिए एटीएम से निकालती हैं.

ख़ुफिय़ा एजेंसियों की रिपोर्ट में इस बात की निशानदेही की गई है कि इन संगठनों के लोगों ने अपने और दूसरे लोगों के नामों से देशी और विदेशी मुद्रा में बैंक खाते खुलवा कर उन्हें इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इनमें कुछ ऐसी बार बालाएं भी शामिल हैं, जो पहले से ही दाऊद के गिरोह के लिए पैसा वसूली और बैंक खातों के संचालन का काम करती रही हैं. हालांकि गृहमंत्री पी चिदंबरम की दलील है कि आतंकी संगठनों से संबंधित या शक के दायरे में आए इन खातों को पहले ही बंद किया जा चुका है और इन पर पैनी नजऱ रखी जा रही है. हैरानी की बात यह है कि सरकार की सतर्कता के बावजूद नए संदिग्ध खाते खोले जा रहे हैं और उनमें विदेशी धन की आमदरफ्त भी जारी है.

आई बी के मुताबिक़, ये लड़कियां ग्रुप बनाकर किसी सुनसान से एटीएम पर जाती हैं. फिर वहां के गार्ड को कुछ पैसे देकर अपने साथ मिला लेती हैं और फिर दर्जनों एटीएम के माफऱ्त वे लाखों रुपये की निकासी कर लेती हैं. बहरहाल, पुलिसिया तफ्तीश में होटल सन एन शील के सभी ग्राहकों के गहरे ताल्लुक खाड़ी देशों से निकले. यहां एक रात रुकने और खाने-पीने के छह लाख रुपये वसूले जाते थे, जिसमें ग्राहक को कॉलगर्ल के साथ शराब, खाने और डांस की सुविधा मुहैया कराई जाती थी. होटल के सुरक्षा इंतज़ामात ऐसे कि ख़ुफिय़ा एजेंसियों ने भी दांतों तले उंगलियां दबा लीं. मुंबई पुलिस के ज्वाइंट कमिश्नर राकेश मारिया ने बताया कि रात के गुमनाम अंधेरों में चलने वाले इस होटल के इर्द-गिर्द ढाबे और रोज़मर्रा की चीज़ों की दुकानें हैं. इमारत की तीसरी मंजिल पर एक रेस्टोरेंट है. पूरे दिन यहां सामान्य कारोबार होता और जैसे ही रात होती और दूसरी दुकानों पर ताले लगते, यहां की रौनक पूरे शबाब पर आ जाती. सुबह के छह बजे तक इस होटल का धंधा चलता रहता, फिर सड़कों पर चहलपहल बढ़ते ही रेस्टोरेंट अपने मामूली रंग-ढंग में तब्दील हो जाता.

इस होटल के हरेक कमरे की क़ीमत किसी भी सेवन स्टार होटल से ज़्यादा तो थी ही, अपने काले धंधे और ग्राहकों के अनैतिक काम को पुलिस या किसी भी अजनबी की नजऱ से बचाने की खातिर अत्याधुनिक तकनीक की व्यवस्था की गई थी. यह होटल इलेक्ट्रॉनिक दरवाजे से लैस है, जिसका दरवाज़ा जानी-पहचानी आहट या उसकी मेमोरी में फीड किए गए निशान को पहचान कर ही खुलता था. किसी भी ख़तरे की आशंका से जऱा से सिग्नल पर सक्रिय हो जाने वाली लिफ्ट, मैट्रेस के नीचे छुपाकर रखे गए अत्याधुनिक हथियार, किसी इमरजेंसी में दीवार तोडऩे के लिए रखे गए हैंडग्रेनेड, वॉयस आईडेंटिफिकेशन से खुलने वाले होटल के कमरे वग़ैरह जैसे सुरक्षा उपाय किसी ख़ुफिया एजेंसी के तौर तरीक़ों को भी मात दे देंगे. होटल में एक ऐसा इमरजेंसी रूम भी था, जो डांसर्स के लिए खास तौर पर तैयार किया गया था और जिसकी फर्श में लिफ्ट लगी थी, जो किसी भी ख़तरे की स्थिति में बग़ैर होटल का मेन डोर इस्तेमाल किए लड़कियों को सीधे इमारत की अंडरग्राउंड पार्किंग में पहुंचा देती थी. बिल्डिंग एंट्रेंस पर इलेक्ट्रॉनिक स्विच लगा था, जिसे दबाते ही डांस बार में ख़तरे का सिग्नल चला जाता था. ग्राउंड फ्लोर पर 12 धुरंधर सिक्योरिटी गार्ड्स की तैनाती थी, जिनका काम संदिग्ध विजिटर्स को रोकना और अपने कस्टमर्स से एक लाख रुपये कैश एंट्रेंस फीस वसूलना था.

राकेश मारिया बताते हैं कि पुलिस का छापा पडऩे पर कस्टमर्स और कॉलगर्ल्स को बचाने के लिए इस होटल में जितना मज़बूत इमरजेंसी प्लान था, उतना हिंदी फिल्मों में ही देखने को मिलता है, असल में नहीं. ख़ुफिय़ा एजेंसियों से मिली सूचना के आधार पर जब इस होटल में पूरे प्लान और एहतियात के साथ चारों ओर नाकेबंदी करके छापेमारी की गई, तब 45 लोगों और 6 कॉलगर्ल्स को गिरफ्तार किया गया, जिनमें होटल मालिक भी शामिल है. होटल मालिक लालजी सिंह उर्फ विनोद सिंह की इंटरपोल को लंबे वक़्त से तलाश थी. इस होटल के मालिक के धंधे खाड़ी देशों के साथ-साथ मॉरिशस, थाईलैंड, बैंकॉक, मलेशिया और सिंगापुर आदि में फैले हुए हैं. आई बी को यह ख़बर मिली थी कि इस होटल में डांस और कॉलगर्ल्स का काम करने वाली लड़कियों की माफऱ्त मालिक विनोद सिंह हवाला का कारोबार तो करता ही है, दुबई में बैठे आतंक के आकाओं को उन लड़कियों का पूरा ग्रुप भी मुहैया कराता है, जो पैसों की खातिर भारत के ख़िलाफ़ किसी भी हद तक जा सकती हैं. इसके अलावा यहां से इंडियन मुजाहिद्दीन के आतंकी शाहरुख़ उर्फ यासीन अहमद के एक गुर्गे की भी गिरफ्तारी हुई, जिसकी निशानदेही पर हवाला के ज़रिए दस लाख रुपये यासीन अहमद को सौंपने के आरोप में गाजियाबाद से कंवर नयन वजीरचंद पथरेजा नामक हवाला कारोबारी को भी गिरफ्तार किया गया. गाजियाबाद में रहने वाला कंवर पथरेजा चांदनी चौक में आर्टिफिशियल ज्वेलरी का काम करता है. महाराष्ट्र एटीएस की जानकारी के अनुसार, कंवर पथरेजा द्वारा यासीन को सौंपी गई रकम का प्रयोग मुंबई धमाकों को अंजाम देने में किया गया था. आई बी को मिले सबूत के मुताबिक़, भारत पर हमला करने की यह साजि़श बेहद पुख्ता तरीक़े से बनाई जा चुकी है. इस हमले को अंजाम देने की खातिर प्रतिबंधित संगठनों ने नए-नए नामों से अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवा लिए हैं. ये तमाम खाते बार गर्ल्स के नाम से खुलवाए गए हैं और ये खाते न सफिऱ् भारत, बल्कि पाकिस्तान में भी खुलवाए गए हैं. पाकिस्तान के गुप्तचर विभाग ने भी सरकार को चेतावनी दी है कि उन खातों में देश और विदेश से रक़म का स्थानांतरण हो रहा है. ये वे प्रतिबंधित संगठन हैं, जो पिछले काफ़ी समय से सुरक्षाबलों की कार्रवाई की वजह से कमज़ोर हो गए थे. इनमें से कुछ ऐसे भी संगठन हैं, जो ताज़ा चरमपंथी कार्रवाइयों में लिप्त रहे हैं और अब कल्याणकारी कामों में व्यस्त हैं. रकम के स्थानांतरण की वजह से ये प्रतिबंधित संगठन फिर से सक्रिय हो रहे हैं. गृह मंत्रालय के मुताबिक़, सात प्रतिबंधित संगठनों ने बैंकों में बार गर्ल्स के नाम से खाते खुलवाए हैं. इन संगठनों में जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-ए इस्लामी, मिल्लत-ए-इस्लामिया पाकिस्तान, ग़ाज़ी फ़ोर्स, हिज़बुत्तहरीर, जमीयत-उल-फ़ुरक़ान और ख़ैरुन निशा इंटरनेशनल ट्रस्ट शामिल हैं. पाकिस्तानी सरकार ने भी ऐसे लगभग 24 संगठनों के बैंक खातों पर प्रतिबंध लगा रखा है, जिनमें लश्करे तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, सिपाह साहेबा पाकिस्तान और लश्करे झंगवी शामिल हैं.

ख़ुफिय़ा एजेंसियों की रिपोर्ट में इस बात की निशानदेही की गई है कि इन संगठनों के लोगों ने अपने और दूसरे लोगों के नामों से देशी और विदेशी मुद्रा में बैंक खाते खुलवा कर उन्हें इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इनमें कुछ ऐसी बार बालाएं भी शामिल हैं, जो पहले से ही दाऊद के गिरोह के लिए पैसा वसूली और बैंक खातों के संचालन का काम करती रही हैं. हालांकि गृहमंत्री पी चिदंबरम की दलील है कि आतंकी संगठनों से संबंधित या शक के दायरे में आए इन खातों को पहले ही बंद किया जा चुका है और इन पर पैनी नजऱ रखी जा रही है. हैरानी की बात यह है कि सरकार की सतर्कता के बावजूद नए संदिग्ध खाते खोले जा रहे हैं और उनमें विदेशी धन की आमदरफ्त भी जारी है. इन बैंक खातों में आ रही बेतहाशा रकम की वजह से प्रतिबंधित संगठन एक बार फिर एकजुट होकर सक्रिय हो रहे हैं. हालांकि संघीय जांच एजेंसी ने उन बैंक खातों की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है, जिनकी ख़ुफिय़ा एजेंसियों की रिपोर्ट में निशानदेही की गई है. ख़ासकर मुंबई के ग्रांट रोड, चरनी रोड, कालबादेवी, ओपरा हाउस और विरार में स्थित बैंकों पर ख़ुफिय़ा विभाग की पैनी नजऱ है. पहले भी महाराष्ट्र एटीएस ने इन्हीं इलाक़ों में चलने वाले अग्रणी बैंकों पर छापेमारी कर पैंसठ सौ करोड़ के हवाला कारोबार का भंडाफोड़ किया है. बहरहाल, सारी चौकसी और घेरेबंदी के बावजूद आतंकी संगठन हिंदुस्तान की सरज़मीं पर दहशत फैलाने के लिए रोज नए तरीक़े तो ईजाद कर ही रहे हैं, अब यह बार गर्ल्स का नया जाल भी ख़ु़फिया एजेंसियों और पुलिस के लिए पहेली साबित हो रहा है.

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