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भेड़ाघाट

Monday, June 30, 2014

1000 करोड़ के घोटाले का मास्टर माइंड कौन...?

व्यापमं महाघोटाला:......
सवालों के घेरे में एसआईटी,कम्प्यूटर के हार्डडिस्क खोलेंगे राज
एक साल पहले हुआ था खुलासा, 10 मामलों में अब तक 250 आरोपी गिरफ्तार
-150 से अधिक छात्र और उनके परिजन अभी भी पकड़ से दूर
भोपाल। परीक्षा और नौकरी के नाम पर व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं )और उसमें सक्रिय दलालों ने पिछले 9 साल में सवा करोड़ बेरोजगारों को करीब 1000 करोड़ का चूना लगाया है। लेकिन इस महाघोटाले का असली मास्टर माइंड कौन है इसका पता लगाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स नए सिरे से मामले की जांच कर रही है। हालांकि अभी तक धीरे-धीरे इस फर्जीवाड़े की कई परते खुल गई हैं,लेकिन जो ठगे गए हैं उन्हें न्याय मिलना तो दूर,बल्कि जांच के नाम पर उन्हें सताया जा रहा है। अभी हालही में ऐसे सैकड़ों लोगों को विभिन्न शहरों से छापामार कार्रवाई कर पकड़ कर भोपाल लाया गया था। उन्हें तीन दिनों तक भोपाल में अव्यवस्थाओं के बीच रखा गया था। इससे सरकार की खुब किरकिरी हुई। दरअसल, विशेष जांच दल (एसआईटी)गलतियों के कारण ऐसा हुआ है। जबकि इस पूरे घोटालेे का मास्टर माइंड और करीब 150 असली दोषी अभी एसटीएफ की पकड़ से दूर हैं। अब इनको पकडऩे के लिए एसटीएफ अब एक बार फिर से कम्प्यूटर के हार्डडिस्क में इनके ठिकानों की पड़ताल करेगी।
एक साल पहले 7 जून को हुआ था फर्जीवाड़े का खुलासा
व्यापमं घोटाले का खुलासा 7 जून को उस समय हुआ जब पीएमटी की फर्जी तरीके से परीक्षा दे रहे करीब एक दर्जन मुन्नाभाईयों को इंदौर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद तो एक के बाद इस घोटाले के उलझे तार सुलझते चले गए। सबसे पहले पकड़ में आया डॉ जगदीश सागर। जगदीश सागर की गिरफ्तारी और उससे हुई पूछताछ के बाद पता चला कि, मामला उतना छोटा नहीं जितना समझा जा रहा था। लिहाजा मामले की जांच एसटीएफ को सौंप दी गई। यहां से शुरू हुआ व्यापमं फर्जीवाड़े की परत दर परत खुलने का सिलसिला। व्यापमं के पूर्व कंट्रोलर पंकज त्रिवेदी, सिस्टम एनालिस्ट नितिन महिंद्रा की गिरफ्तारी के बाद तो खुलासा हुआ कि, पूरा व्यापमं ही फर्जी परीक्षाओं का अड्डा बन चुका था। इस एक साल में एसटीएफ ने कई अधिकारियों, नेताओं, छात्रों और उनके परिजनों को गिरफ्तार किया है। इसके बाद एसटीएफ ने बाकी परीक्षाओं में हुई धांधलियों की भी पड़ताल की। व्यापमं द्वारा कराई गई-पीएमटी 2012-13, प्रीपीजी, आरक्षक भर्ती परीक्षा, एसआई भर्ती परीक्षा, संविदा शिक्षक वर्ग 2 और 3, दुग्ध संघ परीक्षा, वन रक्षक भर्ती परीक्षा, बीडीएस परीक्षा, संस्कृत बोर्ड परीक्षा और राज्य ओपन टायपिंग परीक्षा में फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। एसटीएफ ने फर्जीवाड़े में शामिल दो सैकड़ा से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। लेकिन एसटीएफ अब तक भी उन बड़े नामों पर शिकंजा नहीं कस सकी है। जिनकी छत्रछाया में ही छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का ये पूरा खेल चल रहा था। इसमें एक नाम है खनन कारोबारी सुधीर शर्मा का। बताया जाता है कि व्यापमं में हुए कई घोटालों का सुत्रधार सुधीर ही था। इसके पर्याप्त सबूत एसटीएफ के पास है।
सुधीर शर्मा पर इतनी मेहरबानी क्यों ?
व्यापमं महाघोटाले का पहला सुराग उस समय मिला था जब आयकर विभाग ने खनन कारोबारी सुधीर शर्मा के यहां छापा मारा था। शर्मा की डायरी में मिले संकेतों पर आयकर विभाग ने अपने तरीके से जांच की तो उसे जो भी नाम मिले वह किसी काम के नहीं लगे। लेकिन व्यापमं घोटाला सामने आने के बाद उसमें शामिल कई बड़े नाम शर्मा की डायरी में भी मिले थे। खनन कारोबारी सुधीर भी आरएसएस के करीबियों में गिने जाते हैं। आरोप है कि सुधीर शर्मा भर्ती घोटाले का बड़ा खिलाड़ी है। गिरफ्तार हुए आरोपियों ने भी सुधीर के तार इस घोटाले से जुड़े होने की बात भी कबूल की है। एसटीएफ की जांच में सामने आया है कि पंकज त्रिवेदी को उच्च शिक्षा विभाग से व्यापमं में लाने का फैसला भी लक्ष्मीकांत शर्मा ने सुधीर शर्मा के कहने पर ही लिया था। खनन मंत्री बनने के बाद लक्ष्मीकांत शर्मा, सुधीर को डेपुटेशन पर खनन मंत्रालय में ओएसडी बनाकर लाए थे। जिसका फायदा उठाकर सुधीर शर्मा खनन कारोबारी बन गया। माना जा रहा है कि सुधीर शर्मा व्यापमं भर्ती घोटाले के कई बड़े 'राजÓ से पर्दा उठा सकता है। व्यापमं महाघोटाले में सुधीर के शामिल होने के प्रमाण एसटीएफ को कई बार मिले लेकिन वह उसके रसूख के आगे उसको पकड़ नहीं सकी। अब जब पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा गिरफ्तार हो गए हैं तो सुधीर की खोज तेज हो गई है लेकिन वह पकड़ से दूर निकल गया है। सुधीर शर्मा को फरार घोषित करते हुए एसटीएफ ने 5 हजार का इनाम घोषित कर दिया है।
सवालों के घेरे में स्पेशल टास्क फोर्स
व्यापमं महाघोटालों की जांच स्पेशल टास्क फोर्स के पास है। वह हाईकोर्ट की निगरानी में जांच कर रहा है। हाईकोर्ट के आदेश पर ही अलग-अलग शहरों में डेढ़ दर्जन से अधिक एसआईटी गठित की गई हैं। प्रदेश में ये एसआईटी व्यापमं से जुड़े मामलों की जांच कर रही हैं। यह जांच पुराने मामलों के चालानों के अध्ययन के बाद नए सिरे से की जा रही है। प्रदेश में करीब 295 ऐसे प्रकरण चिन्हित किए गए हैं। कई प्रकरणों में यह सामने आ रहा है कि पूर्व में सक्रियता से जांच की होती तो यह नैक्सेस बहुत पहले सामने आ जाता। लेकिन एसआईटी के कई सदस्यों के परिजन भी इस घोटाले के दोषी पाए गए। आरटीआई कार्यकर्ता आनंद राय ने बताया कि इंदौर में दर्ज प्रकरण में आज तक गवाही नहीं हो सकी। जबकि उसी प्रकरण से जुड़े अफसर एसआईटी के सदस्य है। इसलिए एसआईटी की जांच पर भी सवाल खड़े होते हैं। भोपाल एसआईटी ने पिछले दिनों जीएमसी के बाबू रवि गतखने को गिरफ्तार किया था। यह बाबू पहले जांच के दौरान एसआईटी को दस्तावेज उपलब्ध कराने का काम करता था। सूत्रों ने बताया इसी तरह एक अफसर व्यापमं में पदस्थ है। इस अफसर के रिश्तेदार के घर व्यापमं परीक्षा पेपर लीक होने के दौरान छापा भी मारा गया था। यही नहीं 23 जून को एसटीएफ ने ग्वालियर के गजराजा मेडिकल कॉलेज में पीएमटी फर्जीवाड़े के लिए गठित अविनाश चंद्रा के नेतृत्व वाली जांच समिति की जांच के लिए एसटीएफ के एआईजी राजेश चंदेल के नेतृत्व में एक टीम पहुंची। टीम ने कॉलेज के एनाटॉमी विभाग में रखे कम्प्यूटर खंगाले और हार्डडिस्क अपने साथ ले गई। एसटीएफ अधिकारियों ने करीब 3 घंटे तक जांच समिति के सदस्यों से पूछताछ कर कमेटी के सभी सदस्यों के नाम, पते सहित अन्य जानकारियां भी एकत्र कीं। उन्होंने डीन चेम्बर में सभी ने कॉलेज के डीन डॉ.जीएस पटेल, पूर्व डीन डॉ. वीणा अग्रवाल और जांच कमेटी के सदस्यों से बातचीत की। अधिकारियों ने पूर्व डीन डॉ. वीणा अग्रवाल ने उनके कार्यकाल में हुई जांच और उसमें अनियमितता की शिकायतों पर चर्चा की। वहीं एक्शन कमेटी के हर सदस्य से जानकारी ली कि छात्रों के बयान और जांच में उनकी क्या भूमिका रही? अधिकारियों ने डॉ. पटेल से जीआरएमसी में उनकी डीन पद पर नियुक्ति से लेकर अब तक लिए गए निर्णय और फर्जीवाड़ों में क्या-क्या कार्रवाई की गई? आदि तथ्यों की विस्तार से जानकारी ली। सबसे अहम बात यह रही कि जब पूर्व की जांच कमेटी, जिसके चेयरपर्सन डॉ. एसी अग्रवाल, जो डॉ. अविनाश चंद्रा के नाम से भी चर्चित हैं, उनके बारे में पूरी जानकारी ली। डॉ. चंद्रा जिस विभाग के विभागाध्यक्ष थे, उस विभाग के कक्ष में पहुंचकर अधिकारियों ने विभाग का कम्प्यूटर देखा और उसका सीपीयू निकलवाकर उसे जब्त कर लिया। समझा जाता है कि इसकी हार्डडिस्क के डेटा की जांच की जाएगी। मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.जीएस पटेल का कहना है कि एसटीएफ व एसआईटी के अधिकारियों ने अब तक की पूरी प्रगति पर विस्तार से चर्चा की। पूर्व डीन, एक्शन कमेटी व जांच कमेटी के सदस्यों से भी व्यक्तिगत रूप से जानकारियां एकत्र की हैं। टीम एनाटॉमी विभाग के कम्प्यूटर का सीपीयू जब्त कर अपने साथ ले गई है।
अब दूसरे प्रदेशों में होगी छापामारी
व्यापमं की पीएमटी परीक्षा सहित अन्य परीक्षाओं में हुए फर्जीवाड़े में नित नए खुलासे हो रहे हैं। व्यापमं महाघोटाले में एसटीएफ ने अब दूसरे राज्यों में भी फर्जी छात्रों की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए एसटीएफ की दो टीमें राजस्थान और उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हुई हैं। ये टीमें कोचिंग सेंटरों में दबिश देकर फर्जी छात्रों का पता लगाएंगी और पूछताछ के लिए भोपाल लेकर आएंगी। एसटीएफ अधिकारियों के मुताबिक पीएमटी फर्जीवाड़े के समय सामने आई लिस्ट में से कुछ लोग गिरफ्तार हो गए हैं, जबकि कुछ आरोपियों ने जमानत ले ली है। अभी भी कुछ आरोपियों की गिरफ्तारी होना बाकी है। इसलिए एक बार फिर से इस लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है। अधिकारियों को एक लिस्ट तैयार करने को कहा है जिसमें उन लोगों के नाम हैं जो अभी भी गिरफ्तारी से दूर हैं। इन लोगों को हिरासत में लिया जाएगा। इन छात्रों के अलावा इनके अभिभावकों को भी इसमें आरोपी बनाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि कोर्ट की कार्रवाई के चलते कार्रवाई थोडी ठंडी पड़ गई थी। जांच में जुटे अधिकारियों की माने तो इस लिस्ट में से अधिकांश आरोपियों की गिरफ्तारी इसलिए नहीं हो पाई है, क्योंकि एसटीएफ के पास उपलब्ध लिस्ट में से अधिंकाश आरोपी फर्जी पते पर रहते हैं। यहां पर टीमें दबिश दे चुकी हैं, लेकिन आरोपी नहीं मिले हैं। इसके अलावा जो मध्यस्थ इस मामले में फरार हैं वे दूसरे आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद से ही अंडरग्राउड हैं। इन आरोपियों को गिरफ्तार करना भी एक बड़ी चुनौती है। सूत्रों की मानें तो करीब 150 से अधिक छात्र और उनके परिजन अभी भी पकड़ से दूर हैं। एसटीएफ के पास मौजुद विभिन्न परीक्षाओं में हुए फर्जीवाड़े के आरोपियों की सूची के अनुसार अभी तक जिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है उनके खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होगी। व्यापमं महाघोटाले में एसटीएफ ने कई छात्रों को भोपाल लाकर पूछताछ की थी। पूछताछ के दौरान एसटीएफ को 100 से अधिक फर्जी छात्रों के पते मिले हैं। जब एसटीएफ ने इन पतों के बारे में जानकारी निकाली तो अधिकांश पते फर्जी निकले। ये पते राजस्थान और उत्तरप्रदेश के हैं। इन फर्जी छात्रों की तलाश के लिए एसटीएफ की दो टीमें राजस्थान और उत्तरप्रदेश के लिए रवाना हो गई हैं। एसटीएफ के पास आरोपियों की सूची इस प्रकार है......
व्यापमं फर्जीवाड़े के आरोपी
व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वïारा आयोजित 9 विभिन्न परीक्षाओं के विषय में मध्यप्रदेश एसटीएफ द्वïारा प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना की जा रही है। यह हैं (1) पीएमटी परीक्षा 2013 (2) पीएमटी परीक्षा 2012, (3) प्रीपीजी परीक्षा 2012, (4) खाद्य निरीक्षक/ निरीक्षक नापतौल भर्ती परीक्षा 2012, (5) दुग्ध संघ संयुक्त भर्ती परीक्षा 2012, (6) पुलिस उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा 2012, (7) पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012, (8) संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग -2 वर्ष 2011 (9) संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ग -3 वर्ष 2011।
....पीएमटी परीक्षा वर्ष 2013...
व्यापमं द्वारा वर्ष 2013 में आयोजित पीएमटी में हुए फर्जीवाड़े के खिलाफ इंदौर के राजेन्द्र नगर थाना में अपराध क्रमांक-539/13 के तहत धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 201 भादवि, 65 आईटी एक्ट 25, 27 आम्र्स एक्ट, 34 आबकारी एक्ट 3 (घ)-1, 2/4 मध्यप्रदेश मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937 सी-प्रथम सूचना पत्र में 67 लोगों के खिलाफ नामजद केस दर्ज किया गया है। जिनमें रमाशंकर, मो. रिजवान खान, राहुल कुमार सोनी, अरविंद कुमार वर्मा,अक्षय यादव, (विवेक) हरिकिशन, रामबाबू यादव, नीरज पाठक,अश्विनी कुमार,अखिलेश कुमार, अभिषेक सोनी,कृष्ण कुमारसिंह, अभिषेक वर्मा, वीरेन्द्र कुमार, दिवाकर पाण्डे, विकास सिंह,रुपेन्द्र सिंह, विनीत यादव, अजय कुमार सिंह, डॉ. जगदीश सागर,नितिन मोहिन्द्रा, अजय कुमार सेन, चंद्रकांत मिश्रा, संतोष गुप्ता, सुधीर राय, गंगाराम,तरंग शर्मा, संदीप कुमार दुबे, डॉ. पंकज त्रिवेदी, संजीव कुमार शिल्पकार विकास सिंह चंदेल, अनिमेश आकाश सिंह, जितेन्द्र मालवीया, अक्षय जुरयानी, तिलक राज जुरयानी, महेन्द्र कुमार सक्सेना,अभिषेक सक्सेना, दीपक कुमार गोयल, रघुवीर प्रसाद गोयल, शेखर पटेल, मानसिंहपेटल खराडी, राजकुमार जयसवाल, रोहित जयसवाल,राहुल जैन,अंकित पाटीदार, मयूर मसानी, संतोष कुमार,गेंदालाल पिपलिया,तेजराम पिपलिया, फैसल खान,जिया उलहक, राजकुमार योगी, गणेश योगी, अनूप कुमार शर्मा,पवन कुमार शर्मा,यादव मकवाना, डॉ. अरविंद सिन्हा, धीरज बारिया, रामलाल बारिया, संतोष डामोर, जोगेन्द्र सिंह डामोर, विनोद कुमार वर्मा, रविन्द्र यादव और सोनू पचौरी। इनके अलावापीएमटी परीक्षा वर्ष 2013 में अन्य आरोपियों के विरुद्ध विवेचना तथा शेष आरोपियों की तलाश जारी है। बताया जाता है कि एसटीएफ को इस मामले में कुछ अहम सुराग मिले हैं।
...पीएमटी परीक्षा वर्ष 2012...
व्यापमं द्वारा कराई गई पीएमटी परीक्षा वर्ष 2012 में हुए फर्जीवाड़े के कारण अपराध क्रमांक -12/13 के तहत 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि 3 धारा के साथ ही 1,2,/4 मप्र मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937, 65 66 आईटी एक्ट में अपराध दर्ज किया गया है। जिसमें प्रथम सूचना पत्र में नामजद आरोपियों डॉ. पंकज त्रिवेदी , नितिन मोहिन्द्रा,अजय कुमार सेन, सी.के.मिश्रा, डॉ. जगदीश सागर, डॉ. संजीव शिल्पकार,विकास सिंह, तरंग शर्मा, सुधीर राय,सोनू पचौरी और अमित निमावत के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए 17 लोगों का गिरफ्तार किया गया है। जिसमें डॉ. पंकज त्रिवेदी, नितिन महेन्द्रा, अजय कुमार सेन, सी.के. मिश्रा, डॉ. जगदीश सागर, डॉ. संजीव शिल्पकार, विकास सिंह,तरंग शर्मा, प्रदीप रघुवंशी, सुधीर राय, संतोष गुप्ता, राजेश असरानी, रबीना असरानी, सोनू पचौरी, 15-डॉ. विनोद भण्डारी,अक्षय कुमार यादव और ओम प्रकाश शुक्ला शामिल हैं। एसटीएफ का कहना है कि पीएमटी परीक्षा वर्ष 2012 में अन्य आरोपीगण के विरुद्ध विवेचना तथा शेष आरोपियों की तलाश जारी है।
...प्री-पीजी परीक्षा वर्ष 2012...
प्री-पीजी परीक्षा वर्ष 2012 में हुए फर्जीवाड़े में अपराध क्रमांक 14/13 के अचुसार धारा : 409, 420, 120बी भादवि 3,1, 2, /4 म.प्र. मान्यता प्राप्त परीक्षा अधि. 1937 तहत अपराध दर्ज किया गया है। इसमें प्रथम सूचना पत्र में नामजद आरोपियों में डॉ. पंकज त्रिवेदी, नितिन मोहिन्द्रा, डॉ. विनोद भण्डारी, प्रदीप रघुवंशी, भरत मिश्रा, राघवेन्द्र सिंह तोमर, डॉ. अनुराग जैन, डॉ. सनी जुनेजा,डॉ. समीर मण्डलोई, डॉ. सोमेश माहेश्वरी,् डॉ. अभिजीत सिंह खनूजा, डॉ. आयुष मेहता, डॉ. आशीष आनंद गुप्ता, डॉ. नेहा शिवहरे, डॉ. अमित जैन, डॉ. आशुतोष मेहता, डॉ. राघवेन्द्र प्रताप सिंह एवं अन्य शामिल हैं। इस फर्जीवाड़े में डॉ. पंकज त्रिवेदी, नितिन मोहिन्द्रा, प्रदीप रघुवंशी, डॉ. अनुराग जैन, डॉ. सनी जुनेजा,डॉ. समीर मण्डलोई, डॉ. सोमेश माहेश्वरी, डॉ. अमित जैन,डॉ. राघवेन्द्र प्रताप सिंह, डॉ. विनोद भण्डारी, डॉ. नेहा शिवहरे, डॉ. आशीष आनंद गुप्ता, अजय कुमार जैन, विवेक कुमार जैन, सुरेश माहेश्वरी, किशोर कुमार जुनेजा और धरमचंद्र मण्डलोई को गिरफ्तार किया जा चुका है। जबकि अन्य आरोपियों के खिलाफ विवेचना तथा तलाश जारी है।
...कनिष्ठï खाद्यï आपूर्ति अधिकारी एवं निरीक्षक नाप-तौल भर्ती परीक्षा 2012...
इस भर्ती परीक्षा में नियमों को ताक पर रखकर फर्जी तरीके से अपात्रो को पास कराया गया। इसमें हुए फर्जीवाड़े के कारण अपराध क्रमांक -15/13 में धारा : 420, 467, 468, 471, 120बी भादवि 3(घ),1,2/4 मप्र मान्यता प्राप्तपरीक्षा अधिनियम 1937, 65, 66 आईटी एक्ट में केस दर्ज किया गया है। जिसमें प्रथम सूचना पत्र में डॉ. पंकज त्रिवेदी पूर्व नियंत्रक व्यापम भोपाल,नितिन मोहिन्द्रा व्यापम भोपाल, चंद्रकांत मिश्रा व्यापम भोपाल, अजय सेन व्यापम भोपाल, तरंग शर्मा चूना भट्टी भोपाल, संतोष गुप्ता नि. बी-8 साकार उदय न्यू जगदंबा कालोनी जबलपुर, सोनू रघुवंशी निवासी मुलताई, बेतूल, दिलीप गुप्ता, शाहपुरा भोपाल, अखिलेश चतुर्वेदी सुखसागर वेली ग्वारीघाट, जबलपुर, भरत मिश्रा, चूनाभट्टी भोपाल, संजीव सक्सेना कोलार रोड भोपाल एवं अभ्यर्थी, अभिजीत मेहता, आशुतोष गुमास्ता, शैलेष पटेल, रावेन्द्र सिंह, कृष्णकुमार, संदीप त्रिपाठी, देवकांत रघुवंशी, अमित सिंह, शिशुवेन्द्र सिंह तोमर, भानू प्रताप सिंह, मिहिर कुमार, राजकुमार धाकड़, नरेश चंद्र सागर, सुनील कुमार साहू, अवधेश कुमार भार्गव, उमेश प्रताप सिंह, अभिषेक सिंह ठाकुर, विश्वनाथ सिंह राजपूत एवं अन्य को नामजद आरोपी बनाया गया है। इनमें से डॉ. पंकज त्रिवेदी, नितिन मोहिन्द्रा, मिहिर कुमार चौधरी,नरेश चंद्र सागर, सुनील कुमार साहू और ओमप्रकाश शुक्ला गिरफ्तार हो चुके हैं।
...दुग्ध संघ संयुक्त भर्ती परीक्षा वर्ष 2012...
दुग्ध संघ संयुक्त भर्ती परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े में अपराध क्रमांक 16/13 के तहत धारा : 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि, 3 (घ) 1,2,/4 म.प्र. मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937, 65, 66 आईटी एक्ट का मामला दर्ज किया गया है। इस फर्जीवाड़े में डॉ. पंकज त्रिवेदी, पूर्व नियंत्रक व्यापम भोपाल,नितिन मोहन्द्रा व्यापम भोपाल,चंद्रकांत मिश्रा व्यापम भोपाल, अजय सेन व्यापम भोपाल, तरंग शर्मा चूना भट्टïी भोपाल, संतोष गुप्ता नि.बी-8 साकार उदय न्यू जगदंबा कालोनी जबलपुर, दिलीप गुप्ता शाहपुरा भोपाल, अखिलेश चतुर्वेदी सुखसागर वेली ग्वारीघाट जबलपुर, संजीव सक्सेना कोलार रोड भोपाल एवं अभ्यर्थी, विवेक गोस्वामी, राजेश कुमार रघुवंशी, प्रवीण पाण्डे, आनंद तिवारी, विनीत कुमार, रचना गुप्ता, नरेन्द्र पटेल, रामहेत उपाध्याय, शिल्पा उपाध्याय, हितेश शर्मा एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इनमें से डॉ.पंकज त्रिवेदी,नितिन मोहिन्द्रा,आनंद तिवारी,विवेक गोस्वामी, नरेन्द्र कुमार पटेल, हीतेश शर्मा, रामहेत उपाध्याय, संतोष गुप्ता, अजय कुमार सेन, चंद्रकांत मिश्रा, तरंग शर्मा, राजेश रघुवंशी,शिल्पा गुप्ता गिरफ्तार हो चुके हैं।
...सूबेदार/उपनिरीक्षक/प्लाटून कमाण्डर भर्ती परीक्षा 2012...
सूबेदार,उपनिरीक्षक और प्लाटून कमाण्डर भर्ती परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े के कारण कई योग्य उम्मीदवारों की जगह अपात्रों को परीक्षा पास करवाया गया। इस फर्जीवाड़े में अपराध क्रमांक-17/13 के तहत धारा :- 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि 3 (घ) 1, 2/4 मप्र मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937, 65, 66 आईटी एक्ट में मामला दर्ज किया गया। प्रथम सूचना पत्र में डॉ. पंकज त्रिवेदी पूर्व नियंत्रक व्यापम भोपाल,नितिन मोहिन्द्रा व्यापम भोपाल, चंद्रकांत मिश्रा व्यापमं भोपाल, अजय सेन व्यापम भोपाल, प्रदीप रघुवंशी जीएम भण्डारी हास्पिटल,आर.के. शिवहरे,सुधीर शर्मा माईनिंग वाले, भरत मिश्रा ईडन गार्डन, चूना भट्टïी, कोलार रोड, भोपाल एवं अभ्यर्थी, शाहिद शेख, गौरव श्रीवास्तव, सेम श्रीवास्तव,प्रलेख तिवारी, संतोष शर्मा, गजेन्द्र सिंह, कोहर सिंह राजपूत,ज्योति साहू, अभिजीत सिंह पवार, जितेन्द्र सिंह चंद्रावत, जितेन्द्र सिंह रघुवंशी, कमलेन्द्र सिंह, भूपेन्द्र सिंह, हर्षवर्धन चौहान, कुनाल सिंह राठौर, सुधीर सिंह गुर्जर,श्रीकृष्ण सिकरवार को नामजद आरोपी बनाया गया है।
...पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा 2012...
व्यापमं द्वारा आयोजित बड़े पदों की परीक्षाओं में ही नहीं वरन आरक्षक भर्ती परीक्षा में भी जमकर फर्जीवाड़ा किया गया। इसमें फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ अपराध क्रमांक 18/13 में धारा : 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि, 3 (घ) 1,2,/4 म.प्र. मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937, 65, 66 आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिसमें प्रथम सूचना पत्र में नामजद आरोपी डॉ. पंकज त्रिवेदी पूर्व नियंत्रक व्यापमं भोपाल,नितिन मोहिन्द्रा व्यापम भोपाल,चंद्रकांत मिश्रा व्यापम भोपाल, अजय सेन व्यापमं भोपाल, रमेश चांदगुडे मैनेजर भोपाल केयर हास्पिटल, तरंग शर्मा, डॉ. अजय मेहता, आशुतोष ,भरत मिश्रा, सुधीर शर्मा, संजीव सक्सेना एवं अभ्यर्थी, धर्मेन्द्र कुमार, योगेन्द्र रघुवंशी, भीम सिंह मवाड़ा, गोविन्द चौहान, ओम शंकर सोनी, हरिओम नारायण, प्रीतम मालवीय, धीरज बघेल,संजय मालवीय, राकेश गुर्जर,लक्ष्मीकांत दुबे, वीरेन्द्र यादव, शरद यादव, हरिओम शर्मा, राम अख्तयार सिंह गुर्जर, जबन सिंह, बिसम्भर सिंह,अनुराग सिंह भदौरिया, राकेश पाठक, सौरभ यादव, शिव प्रताप रघुवंशी, सुनील दत्त शर्मा, अभिलाष शर्मा, चन्द्र प्रकाश रघुवंशी, बालकृष्ण रघुवंशी,जितेन्द्र कुमार पवार, गौरव सिंह, मनीष यादव, प्रवीण शर्मा, सुधीर कुमार शर्मा, अंकित रावत, दुर्गेश सिंह, बृजेश कुमार साहू, भरत सिंह ठाकुर, रामेश्वर जाट, धीरज कौशल,कमलेश सिंह, अंकित शुक्ला, अखिलेश कुमार यादव, अजय मिश्रा, अजय शंकर मुखारिया, आलोक सिंह तोमर एवं अन्य को बनाया गया है। इसमें दुर्गेश सिंह पुरबिया,प्रवीण शर्मा,अंकित रावत,सुनील दत्त शर्मा, राम अख्तयार सिंह गुर्जर, हरिओम नारायण। को गिरफ्तार किया जा चुका है।
...संविदा शाला वर्ग-3 पात्रता परीक्षा 2011...
इस परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े में अपराध क्रमांक 18/13 के तहत धारा : 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि, 3 (घ) 1,2,/4 म.प्र. मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937, 65, 66 आईटी एक्ट में केस दर्ज किया गया है। जिसमें डॉ. पंकज त्रिवेदी पूर्व नियंत्रक व्यापमं भोपाल,नितिन मोहिन्द्रा व्यापमं भोपाल, चंद्रकांत मिश्रा व्यापम भोपाल, अजय सेन व्यापम भोपाल, ओपी शुक्ला ओएसडी मंत्री,लक्ष्मीकांत शर्मा,धनराज यादव ओएसडी राजभवन, अमित पाण्डे, अकबर खान (भोपाल केयर हास्पिटल)राजू भाई एवं अभ्यर्थी ,वंदना तोमर, विद्यïा विलास मिश्रा, पूजा पाण्डे,रजनी सेन, शिखा पाठक, 16, शिशिर पाठक, शिरीन खान, संध्या मिश्रा, मंजू नामदेव,नरेंद्र गौतम, श्रीमति कृष्मूर्ति, इंद्रजीत गौतम, चित्रा भार्गव, कविता वाल्मिक, जयश्री संत, रामवीर राजपूत, देवेंद्र सिंह झाला, सैयददा मरियम,शोभा गर्ग, प्रियंका शर्मा, किरण सेंगर, प्रियंका दुबे, चंदा शर्मा, विनोद कुमार कुशवाहा, मालती धाकड़,नेहा उपाध्याय, इजराईल पठान, कलावती विश्वकर्मा, सुनील सेन,यास्मीन हसन, रंजीता देवी,संजय सिंह गुर्जर, शत्रुधन सिंह राठौर, पंकज सिंह यादव, देवेंद्र धाकड़,मुकेश कुमार धाकड़, फातिमा हुसैन,रमेश सिंह यादव,ज्योति राठौर, चंद्रप्रकाश शर्मा, शिखा पारासर, योगेश प्रजापतिस,चंद्रप्रकाश प्रजापति, इन्दर सिंह भदौरिया, अवधेश सिंह भदौरिया, राजीव सिंह, नरेंद्र सिंह, सर्वेश यादव, रूबी यादव, सीमा सिंह चौहान, कुमार दीपक, रण सिंह,सुषमा सिंह, लक्ष्मी तोमर, सुखदेव सिंह, शिवानु मिश्रा, रमेश सिंह, राजेश पुरवंशी, गिरीश राजौरिया, प्रवीण कुमार सोनी, रविकांत शर्मा, विद्या सागर शर्मा, चंद्रशेखर, नरेन्द्र सिंह, रवीन्द्र सिंहयादव, पिंकी यादव, यशवीर सिंह यादव,इंद्रेश सिंह यादव, प्रमोद कुमार, राजकुमारी यादव, कौशलेश यादव, समरजीत यादव,दिनेश वर्मा, नेत्रा चांदगुदे,सतीश यादव, ललिता दांगी, शालिनी शर्मा एवं अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
...संविदा शाला वर्ग-2 पात्रता परीक्षा 2011...
इस परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े में अपराध क्रमांक -20/13 में धारा : 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि, 3 (घ) 1,2,/4 म.प्र. मान्यता प्राप्त परीक्षा अधिनियम 1937, 65, 66 आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है। जिसमें डॉ. पंकज त्रिवेदी पूर्व नियंत्रक व्यापमं भोपाल,नितिन मोहिन्द्रा व्यापमं भोपाल, चंद्रकांत मिश्रा व्यापमं भोपाल, अजय सेन व्यापमं भोपाल,ओपी शुक्ला ओएसडी मंत्री,लक्ष्मीकांत शर्मा,धनराज यादव ओएसडी राजभवन,शालिनी शर्मा,अर्चना शुक्ला, प्रेमलता पाण्डेय , संध्या पाण्डेय रोल, केशव श्रीवास्तव, 1सुरेन्द्र सिंह बागड़ी, रमेश सिंह यादव, महादेव लिधोरिया , माया पटेल , ममता पटेल, कल्याणी मीना, लक्ष्मण सिंह मीणा, अनुभव जैन,प्रीती चौधरी, सुशील भास्कर, सत्य प्रकाश त्यागी,संगीता सिंह, राहुल कुमार दुबे , लीलाधर पचौरी,बीनू मिश्रा,विकास शर्मा, वर्षा सिंह तोमर, जितेन्द्र सिंह राजपूत , उदय प्रकाश शर्मा , सविता साहू , सुनीता साहू , 34-प्रतीक्षा शर्मा, रानी राजपूत , बंटी सेन , रितु त्रिपाठी, रामेश्वरदयाल शर्मा ,संतोष कुमार शर्मा, निशा मिश्रा,रानी सेन, रेखा सोनी,सुनील कुमार सोनी एवं अन्य को आरोपी बनाया गया है। अब एसटीएफ नए सिरे से इन फर्जीवाड़ों की जांच में जुट गई है। जो आरोपी अभी तक गिरफ्तारी से बचे हुए हैं उनके खिलाफ अभियान चलाया जाएगा।
शिक्षा में फर्जीवाड़े का आभास विंध्य से
व्यावसायिक परीक्षा मंडल में हुए तमाम फर्जीवाड़े को उजागर करने वाली स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएएफ ) के मुखिया को शिक्षा में फर्जीवाड़े का आभास विंध्य से हुआ। एसटीएफ एडीजी सुधीर कुमार शाही 1988 बैच के आईपीएस हैं। वह दिल्ली विवि से बीए एलएलबी हैं। आईपीएस ट्रेनिंग के बाद वर्ष 1990 में उनकी पहली प्रोविजनल पदस्थापना सतना जिले के अमरपाटन थाना में हुई। यहीं उन्होंने शिक्षा में फर्जीवाड़ा का खुला खेल देखा। मन में शिक्षा शुद्धीकरण का संकल्प लिया। 22 वर्षो के लंबे कैरियर में उन्हें शिक्षा शुद्धीकरण का पूरा मौका नहीं मिल सका। वर्ष 2011 में पुलिस मुख्यालय ने उन्हें एसटीएफ के एडीजी का प्रभार सौंपा। कुछ दिनों बाद उनको व्यापमं में हो रहे फर्जीवाड़े की भनक लगी और उन्होंने व्यापमं में हो रहे फर्जीवाड़े पर नजर रखना शुरू किया। इसके कुछ ही दिनों बाद एसटीएफ चीफ ने व्यापमं में सिलेसिलेवार एक से बड़े एक घोटालों का पर्दाफाश कर सैकड़ों को हवालात पहुंचा दिया। सत्ता और शिक्षा जगत की तमाम हस्तियों की रातों की नींद और दिन का चैन छीन लेने वाले शाही ही हैं जिन्होंने व्यापमं में पीएमटी, प्रीपीजी, खाद्य निरीक्षक एवं नापतौल परीक्षा, दुग्ध संघ भर्ती परीक्षा, उप निरीक्षक भर्ती, पुलिस आरक्षक भर्ती, बीडीएस, टायपिंग बोर्ड, ओपन स्कूल फर्जीवाड़ा पर पर्दा उठा सैकड़ों रसूखदारों को हवालात पहुंचाया। ------------

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