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भेड़ाघाट

Wednesday, January 15, 2014

शिवराज ने ठाना है... मोदी को पीएम बनाना है

शिवराज जुटे मिशन टारगेट 29 में 25 जनवरी से 11 फरवरी के तक महाजनसंपर्क करेगी पार्टी भोपाल। जुनून,जिद और जज्बात किसी पर सवार हो जाए तो फिर वह सब कुछ कर लेता है जो वह चाहता है। मप्र में सत्ता की हैट्रिक बनाकर यह सिद्ध कर दिखाया है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने। अब उन्होंने भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने की ठानी है और इसके लिए उन्होंने प्रदेश की सभी 29 लोकसभा सीटों को जीतने के लिए मिशन टारगेट 29 बनाया है। इस टारगेट को पूरा करने के लिए वह तथा उनकी टीम के पदाधिकारी 25 जनवरी से प्रदेश भर में महाजनसंपर्क यात्रा करने वाले हैं। विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 'टारगेट 29Ó में जुट गए हैं। फिलहाल मध्यप्रदेश में भाजपा के पास लोकसभा की 16 सीटें हैं। कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं, इनमें एक होशंगाबाद सांसद उदय प्रताप सिंह को हाल के विधानसभा चुनावों में प्रदेश भाजपा ने तोड़कर अपने यहां मिलाया है। एक अन्य सीट रीवा बसपा के पास है। विधानसभा चुनाव में जिस तरह का बहुमत भाजपा को मिला है और कांग्रेस के कब्जे वाले लोकसभा क्षेत्रों की विधानसभा सीटों पर जिस तरह से सेंध लगाई है, उसके बाद 'टारगेट 29Ó में तो बहुत ज्यादा कठिन राह नजर नहीं आ रही है। फिर भी शिवराज सिंह चौहान कोई भी मौका चुकना नहीं चाहते हैं। लगातार दस साल तक केंद्र की सत्ता से दूर रहने के आद भाजपा एक बार फिर केंद्र में सरकार बनाने के सपने पूरा करने में जुट गई है। कवायद में भाजपा का प्रदेश संगठन भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में बतौर सहयोगी मिशन साधने की फिराक में है। वह इसलिए भी कि मौजूदा समय में शिवराज ही एक ऐसा चेहरा है, जिसके पास न केवल शासन की कमान है। बल्कि जनता का समर्थन भी। लिहाजा संगठन की तैयारी भले ही नजर नहीं आ रही है। लेकिन सरकार की तैयारियां परवान चढऩे को है। वह इसलिए कि उसके सामने विगत लोकसभा चुनाव के मुकाबले प्रतिद्वंदी दल कांग्रेस के पास मौजूद सींटे छीनने की चुनौती है। भाजपा से जुड़े सूत्रों की माने तो इसकी गंभीरता को समझने के बाद ही शिवराज सरकार हरकत में आई और 100 दिन कार्ययोजना के साथ जनता के बीच जा रही है। लोकसभा चुनावों के मद्देनजर सरकार की यह कवायद क्या रंग लाएगी, यह भविष्य के गर्त में है। लेकिन पार्टी पदाधिकारी इस बात से आश्वास्त है, कि इन प्रयासों से जहां जनमत भाजपा के पक्ष में बनेगा और शिवराज का मिशन टारगेट 29 सफल होगा। पूरा प्रदेश नापेंगे शिवराज तीसरी बार प्रदेश में भारी बहुमत के साथ भाजपा की सरकार बनने के बाद पूरी भाजपा बहुत उत्साहित है। शिवराज सरकार भाजपा संगठन के लोग दुगने उत्साह से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गये हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर की जोड़ी ने लोकसभा चुनाव में सभी 29 सीटें जीतने का जो लक्ष्य रखा है,उसके लिए संगठन ने विशेष कार्ययोजना बनाई है। इसके लिए प्रदेश भाजपा कार्यालय में दो दिनों तक मंथन कर तय किया गया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के सभी जिलों में पहुंच कर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनवाने के लिए सहयोग भी मांगेंगे। पार्टी ने 25 जनवरी से 11 फरवरी के बीच महाजनसंपर्क सहित अन्य कार्यक्रम करने की योजना बनाई है। शिवराज के अलावा पार्टी के अन्य पदाधिकार घर-घर दस्तक देंगे। भाजपा से लोगों को जोडऩे और मिशन को पॉसिबल करने हर घर से 10 रुपए की सहयोग राशि मांगी जाएगी। प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि नरेंद्र मोदी को पीएम बनाने के लिए हर घर से 10 रुपए की सहयोग राशि मांगी जाएगी। भाजपा इस अभियान के जरिए एक साथ दो काम करना चाहती है, पहला वो घर-घर पहुंचेगी, दूसरा सहयोग राशि का चुनाव में उपयोग कर पाएगी। उन्होंने कहा कि 272 भाजपा का लक्ष्य है। इसके लिए मप्र की सभी 29 सीटें जीतना उनका लक्ष्य है। सरकार भी गिनाएगी केंद्र की कमियां कांग्रेसनीत यूपीए सरकार को सत्ता से बाहर करने में प्रदेश की भाजपा सरकार की भूमिका भी अहम होगी। पार्टी की कार्ययोजना के अनुसार,लोकसभा चुनाव की अधिसूचना से पूर्व ही न केवल शिवराज बल्कि अन्य मंत्री भी केंद्र सरकार के खिलाफ बयानी हमले करने की तैयारी में है। यह हमले योजनाओं के माध्यम से मिलने वाली मदद के अलावा केंद्रीय नीतियों में विसंगितयों को लेकर हो सकती है। 26 सीटों पर भाजपा मजबुत विधानसभा के हाल के चुनावों में भाजपा ने सूबे की 230 में से 165 सीटें हासिल की हैं। विजयी विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार लोकसभा की कुल 29 सीटों में 26 लोकसभा सीटें ऐसी रही हैं जिनमें भाजपा का सफलता मिली है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के अधिपत्य वाली गुना और गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी के अधिपत्य वाली धार सीट को बचा पाने भर में कांग्रेस सफल हो पाई है। इसके अलावा यशोधरा राजे सिंधिया के अधिपत्य वाली ग्वालियर संसदीय सीट को कांग्रेस ने पन्द्रह सौ कुछ ऊपर वोटों से जीता है। कमलनाथ, अरुण यादव, सज्जन वर्मा, प्रेमचंद गुड्डू, मीनाक्षी नटराजन और राजेश नंदिनी सिंह समेत अन्य उन सीटों को कांग्रेस हार गई है जहां अभी कांग्रेस के सांसद हैं। कई सांसदों के यहां डेढ़ लाख तक के अंतर से हार हुई है। फिर भी भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। फिलहाल भाजपा को प्रदेश की चार सीटों को छोड़कर 25 सीटों पर अपनी जीत नजर आ रही है। गुना की ज्योतिरादित्य सिंधिया और छिंदवाड़ा की कमलनाथ की सीटों को किस तरह जीता जाए, इसके लिए विशेष रणनीति बनाई जा रही है। वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया और दिग्विजयसिंह, लक्ष्मणसिंह के प्रभाव वाली झाबुआ,राजगढ़ सीट को भी हथियाने के लिए स्पेशल प्लान भाजपा संगठन तैयार कर रहा है। छिंदवाड़ा कर जिम्मेदारी शिवराज ने ली कमलनाथ की संसदीय सीट छिंदवाड़ा फतह करने के लिए स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जिम्मेदारी ली है। उनके साथ कुछ और वरिष्ठ नेता काम करेंगे। औपचारिक रूप से यह भी तय किया गया कि छिंदवाड़ा के लिए प्रत्याशी चयन का जिम्मा मुख्यमंत्री के पास रहेगा। अभी तक कांग्रेस की कोई तैयारी नहीं विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद भी कांग्रेस नेताओं ने अभी तक कोई सबक नहीं लिया। यहीं कारण है कि आज तक पार्टी ने हार के कारणों की समीक्षा करना भी गंवारा नहीं समझ, जबकि भाजपा ने लोकसभा की तैयारियां शुरू कर दी है। जिस ढंग से भाजपा तैयारी में जुटी हैं, उससे लगता है कि वह लोकसभा चुनाव में 25 सीटें लाने की स्थिति में पहुंच गई है। क्योंकि 26 लोकसभा क्षेत्रों में भाजपा ने कांग्रेस से अच्छी-खासी बढ़त ले रखी है। पार्टी छिंदवाड़ा सीट को भी टफ मान रही है। वर्तमान में कांग्रेस के पास सांसद के रूप में ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना-शिवपुरी, श्रीमती राजेश नंदिनी सिंह शहडोल, बसोरी सिंह मसराम मंडला, कमलनाथ छिंदवाड़ा, उदयप्रताप सिंह होशंगाबाद, नारायण सिंह अमलावे राजगढ़, सज्जन सिं हवर्मा देवास, प्रेमचंद गुड्ड उज्जैन, सुश्री मीनाक्षी नटराजन मंदसौर, कांतिलाल भूरिया झबुआ- रतलाम, गजेन्द्र सिंह राजूखेड़ी धार तथा अरुण यादव खण्डवा की सीट थी, लेकिन होशंगाबाद सांसद उदयप्रताप सिंह के भाजपा में शामिल हो जाने से कांग्रेस की सीट घटकर 12 से 11 रह गई हैं। पार्टी बड़ेे नेताओं में से खासकर केन्द्रीय मंत्री कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया, झबुआ-रतलाम से कांतिलाल भूरिया को तो चुनाव मैदान में उतारेगी। इसके अलावा यदि वह राजगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह या लक्ष्मण सिंह, सीधी से पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, सतना से पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल को टिकट देती हैं, तो यह कांग्रेस की सीटें बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं। यहां कांग्रेस को खतरा विधानसभा के चुनाव परिणामों और अभी तक मिले संकेतों के आधार पर कांग्रेस को अपनी कमलनाथ छिंदवाड़ा,सज्जन सिंह वर्मा देवास,अरुण यादव खण्डवा,बसोरी सिंह मसराम मंडला, मीनाक्षी नटराजन मंदसौर, नारायण सिंह अम्लाबे राजगढ़,कांतिलाल भूरिया रतलाम, राजेश नंदिनी सिंह शहडोल, प्रेमचंद गुड्ड उज्जैन, उदय प्रताप सिंह होशंगाबाद सीट बचाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। पार्टी को इन सीटों पर या तो अपने उम्मीदवार बदलने होंगे अथवा अभी से तैयारी करनी होगी। केवल कांग्रेस के लिए ग्वालियर, गुना, धार सीट ही सुरक्षित मानी जा रही है। जबकि टीकमगढ़, मुरैना, भिण्ड, सागर,सतना, रीवा,सीधी,जबलपुर, दमोह,खजुराहो, बालाघाट, विदिशा, भोपाल, इंदौर,बैतूल तथा खरगौन में तो भाजपा इतनी मजबुत है कि कांग्रेस की यहां दाल नहीं गलने वाली है।

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