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भेड़ाघाट

Saturday, March 20, 2010

आध्यात्म की आड में देह व्यापार.....?

मामूली गार्ड से रसूखदार करोड़पति बाबा तक का सफऱ


आध्यात्म के ज्ञान के नाम पर सेक्स का कारोबार करने वाले सेक्स माफिया इच्छाधारी संत को पिछले दिनों दिल्ली पुलिस ने धर दबोचा था. यह बाबा फिलहाल पुलिस की गिरफ्त में है और इससे पूछताछ से लगातार कई अहम खुलासे हो रहे हैं.बाबा की कमाई का पहला जरिया देह व्यापार था. सेक्स रैकेट के धंधे में राजीव रंजन उफऱ् भीमानंद देखते ही देखते सबसे बड़ा दलाल बन गया. इस धंधे में भीमानंद हाई प्रोफ़ाइल मॉडल से लेकर मिडिल क्लास की लड़कियों को खुद ग्राहकों को मुहैया कराता था. काली कमाई का सारा हिसाब-किताब वह खुद रखता था.
बाबा की कमाई का दूसरा जरिया फ़ाइनेंस का काम था. भगवा पहन कर माया-मोह से दूर रहने की सीख देनेवाला भीमानंद फ़ाइनेंसर भी था. अपने भक्तों को पांच से सात फ़ीसदी की दर से ब्याज पर पैसे देता था. भीमानंद केवल गरीबों को सूद पर पैसे देता था. इसे वसूलने के लिए इसने टीम बना रखी थी.
दान भगवा चोला पहनने के बाद भीमानंद ने दान के माध्यम से खूब कमाई की. आस्था के नाम पर लोग दान और चंदे के रूप में बड़ी रकम दे जाते थे.मंदिर निर्माण और प्रवचनभगवा पहन कर काली करतूत करनेवाले भीमानंद ने कमाई के लिए मंदिर बनवाने की योजना बनायी थी. योजना के मुताबिक साईं के नाम पर ये मंदिर देश भर में बनने थे. भीमानंद चंदा के लिए जगह-जगह प्रवचन करता और भजन संध्या का आयोजन करता था.
पैसे कमाने का बाबा का एक और जरिया रियल एस्टेट था. इस कारोबार में भीमानंद नया था. कुछ महीने पहले ही उसने इस कारोबार में कदम रखा था. भीमानंद बिल्डरों से मिल कर रियल एस्टेट सेक्टर में पैसों का निवेश करता था. भजन के जरिये जो पैसे मिलते थे, उसे वह रियल एस्टेट में लगता था.

गत दिनों जब दिल्ली राजीव रंजन द्विवेदी उर्फ इच्छाधारी बाबा भीमानंद के सबसे बड़े सेक्स रैकेट के खुलासे के बाद धर्म की आड़ में संत इच्छाधारी जैसे बाबाओं का चरित्र लोगों के सामने आया है. यह न केवल भक्तों की आस्था के साथ खिलवाड है, वरन खुद में एक बड़ा सवाल भी कि आखिर इस बीमारी की दवा क्या है? क्या भक्त बाबाओं पर विश्वास करना छोड़ दे? या फिर अंधभक्त बनकर उन्हें हर प्रकार से सही मानें? क्योंकि इन जैसे संतों को देखकर मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि अभी न जाने कितने और इच्छाधारी है, जिनका पता ही नहीं चल सका है. इस दोनों सवालों पर गंभीरता से विचार करना जरुरी है. बाबाओं के बजाय भगवान पर विश्वास करना ज्यादा ठीक है. जिस प्रकार से इच्छाधारी संत का खुलासा हुआ है वह निश्चित ही लोगों को यह सोचने पर विवश कर देगा कि आखिर संतों पर विश्वास का आधार क्या हो? जरुरी यह है कि इस प्रकार के संतों से बचने के लिए लोग खुद जागरुक हों और किसी को भी गुरू मानकर उसकी पूजा करने से पहले उसके बारे में अच्छी तरह जाने, समझे और परखें. अभी भी न जाने ऐसे कितने इच्छाधारी होंगे जिनकी असलियत सामने ही नहीं आई है.

पुलिस को पूछताछ के दौरान पता चला है कि धर्म के नाम पर सेक्स रैकेट चलाने वाले फर्जी बाबा के गिरोह में 600 से भी ज्यादा देशी-विदेशी लड़कियां शामिल थीं. ढोंगी बाबा का कारोबार पूरे देश में फैला था और वो काफी संगठित ढंग से धर्म की आड़ में यह गोरखधंधा चला रहा था. पुलिस को यह भी पता चला है कि लड़कियां सप्लाई करने के लिए बाबा 10 फीसदी कमीशन लेता था. देश के कई प्रमुख शहरों और जानी-मानी हस्तियों व राजनेताओं से सेक्स माफिया ढोंगी बाबा के तार जुड़ते नजर आ रहा हैं. हालांकि, पुलिस ने इस संदर्भ में फिलहाल कोई खुलासा नहीं किया है. बाबा के पास मिली डायरी से पता चला है कि उसकी योजना विदेशों में भी आश्रम खोलने की थी. इसके अलावा वह ब्याज पर पैसा भी देता था.

इच्छाधारी बाबा के सेक्स रैकेट का जाल मायानगरी मुंबई से लेकर धार्मिक नगरी बनारस और अन्य शहरों तक फैले होने का पता चला है. उसका सेक्स रैकेट लक्जरी तरीके से चलता था. वह इन शहरों में लड़कियों को प्लेन से भेजता था. पुलिस ने मंगलवार को इच्छाधारी की वह 8 डायरियां कोर्ट में प्रस्तुत की, जिसमें उसके काले कारोबार का चि_ा बंद है. यहां तक कि दिल्ली से सटे सूरजकुंड के कई होटलों व वहां के रूम रेंट तक का डायरियों में जि़क्र है. पुलिस ने दो मोबाइल फोन की डिटेल्स से बरामद तीन हजार लोगों के नंबर लिस्ट भी कोर्ट को दी. पुलिस ने दावा किया है कि उसके रैकेट में हजारों लड़कियां व सैकड़ों दलाल शामिल हैं. बरामद 8 डायरियों के लेखे-जोखे में यह भी पता चला है कि वह लड़कियों को फ्लाइट के जरिए इन शहरों में भेजता था. डायरी में इन शहरों के कई होटलों व रूम के किराए तक की डिटेल्स लिखी है. रिमांड के दौरान पता चला है कि गोवर्धन में भी उसकी प्रॉपर्टी है. उसके दो मोबाइलों की कॉल डिटेल्स से पुलिस को तीन हजार नंबर मिले हैं, जिनमें कई अहम नाम शामिल हैं. चित्रकूट ले जाने के दौरान पुलिस ने उसकी कुछ सीडी भी बरामद की, जिसमें उसे नाचते-गाते दिखाया है. इन सीडी से भी उसे रैकेट में शामिल लोगों के बारे में जानकारी मिलने की उम्मीद है. दिल्ली पुलिस ने तर्क दिया कि उसके फरार साथियों के बारे में भी अब पूछताछ की जानी है. वहीं बचाव पक्ष ने दलील दी कि वह जिन डायरियों की डिटेल्स और प्रॉपर्टी का जि़क्र कर रहे हैं, उनके सबूत कोर्ट मे पेश करें. प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कोर्ट को दिखाएं. दोनों पक्षों की दलील के बाद कोर्ट ने बाबा को 21 मार्च तक पुलिस रिमांड में भेजने के आदेश दिए.

सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में गिरफ्तार इच्छाधारी बाबा ग्राहकों को इंटरनेट के माध्यम से फांसता था. उसने इसके लिए ग्राहकों का कई स्तरों पर वेरीफिकेशन सिस्टम बना रखा था, ताकि पुलिस उस तक न पहुंच सके. बाबा ने इसके लिए दो वेबसाइटें खोल रखी थीं. इनमें से पहली वेबसाइट 2005 को खोली गई. इसमें संपर्क के लिए 9953459309 नंबर भी डाला गया था. तीन साल पहले वेबसाइट को अपडेट करने पर नया नंबर 9910639999 डाला गया था. इसमें जिया मेहता नामक लड़की का फर्जी प्रोफाइल डाला गया था. खबर यह भी है कि इस वेबसाइट से भारी संख्या में यूजर कनेक्ट रहते थे. इसमें पॉर्न साइट्स का लिंक भी दिया गया था. वेबसाइट किसी सुमित मल्होत्रा के नाम पर रजिस्टर्ड थी, जिसका अभी तक पता नहीं चला है. खबर है कि वेबसाइट और सुमित के बारे में पड़ताल की जा रही है. सूत्रों के अनुसार, ग्राहकों को पहले अपना लैंडलाइन नंबर दर्ज करना पड़ता था. इसके बाद बाबा के लोग उस पर फोन कर यह पता लगाते थे कि कहीं वह पुलिसवाला तो नहीं है

इच्छाधारी बाबा पर लगा मकोका :- भगवा चोला धारण कर सेक्स रैकेट चलाने वाले राजीव रंजन द्विवेदी उर्फ इच्छाधारी संत के खिलाफ पुलिस ने महाराष्ट्र कंट्रोल आफ आर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट [मकोका] के तहत मामला दर्ज कर लिया है. दिल्ली के साकेत थाने में दर्ज इस मामले के बाद इस ढोंगी बाबा का जेल से जल्द जमानत पर बाहर आना मुश्किल होगा. उसकी संपत्तिभी जब्त हो सकती है. पुलिस के अनुसार, राजीव रंजन द्विवेदी के संगठित रूप से अपराध अंजाम देने की बात का खुलासा हुआ है. मकोका के तहत लगाए गए आरोप सच साबित हुए तो बाबा को पांच साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा संभव है. जांच में अगर उसके द्वारा किसी का कत्ल करने की बात सामने आती है तो बाबा को फांसी की सजा भी हो सकती है.

इच्छाधारी संत कामनवेल्थ गेम्स के दौरान दिल्ली में आने वाले विदेशी मेहमानों तक भी अपनी सेवाएं पहुंचाना चाहता था. इसके पीछे उसकी मंशा विदेशी ग्राहकों से मोटी कमाई करने की थी. जानकारी के अनुसार, जिस तरह बाबा ने बेवसाइट खोल रखी थी, उससे साफ है कि उसकी नजर खेलों के दौरान यहां आने वाले विदेशी मेहमानों पर भी थी, अपने सेक्स रैकेट के जरिए वह विदेशी मेहमानों को अपने जाल में फंसाने की पूरी तैयारी में था. सूत्रों का कहना है कि बाबा के घर से बरामद डायरियों में कुछ ऐसी भी हैं, जिनमें हिंदी व अंग्रेजी में विदेशी मेहमानों से बोलचाल व उन्हें रिझाने के तरीके लिखे गए हैं. इससे साफ है कि यह बाबा अपने साथ काम करने वाली लड़कियों को यह सिखा रहा था कि कैसे विदेशी मेहमान को अपनी सेवाओं से खुश किया जाए, जिससे कि वह दिल खोलकर उन पर रुपये की बरसात करें.

दिल्ली में बाबा की गिरफ्तारी ने देह व्यापार के मामले को हवा दे दी है. पुराने वक्त के कोठों से निकल कर देह व्यापार का धंधा वेबसाइटों तक पहुंच गया है. चूंकि यह धंधा एक मजबूत नेटवर्क के तहत चल रहा है. इंफरमेशन टेक्नोलॉजी के मामले में पिछड़ी पुलिस के लिए इस नेटवर्क को भेदना बेहद मुश्किल हो गया है. गौर करने वाली बात यह भी है कि देह व्यापार का धंधा चलाने का यह हाई फाई तरीका पंजाब के शहरों तक पहुंच चुका है. सिर्फ लुधियाना की बात करें तो दर्जनों वेबसाइटें ऐसी हैं, जो लुधियाना में कॉलगर्ल पहुंचाने का दावा करती हैं. इंटरनेट की जरा सी जानकारी रखने वाला व्यक्ति ऐसी वेबसाइटों को मात्र एक क्लकि पर ढूंढ सकता है. सिर्फ सर्च इंजन पर अपनी जरूरत लिखकर सर्च करने से ऐसी दर्जनों साइट्स के लिंक मिल जाएंगे. कुछ वेबसाइटों पर लड़कियों की तस्वीरें भी दिखाई गई हैं. वेबसाइटों पर कालेज छात्राएं, मॉडल्स और टीवी व फिल्मों की नायिकाएं तक उपलब्ध कराने के दावे किए गए हैं. कुछेक अपने पास विदेशी कालगर्ल होने का भी दावा करते हैं. धंधा चलाने वाले शातिर संचालकों ने वेबसाइट पर ज्यादा जानकारी नहीं छोड़ी है, जिससे पुलिस के हाथ उन तक पहुंच पाएं. धंधे के संचालकों के मोबाइल फोन इस साइट पर बड़े अक्षरों में कई जगह मिल जाएंगे. इनमें से ज्यादातर मोबाइल नंबर दिल्ली के हैं. वेबसाइट पर देश के अन्य शहरों में भी कालगर्ल उपलब्ध कराने के दावे किए गए हैं. पंजाब में कालगर्ल उपलब्ध कराने वाली वेबसाइटों पर पंजाब के भी नंबर हैं.

इंटरनेट माहिरों के अनुसार भारत में पोर्न साइट पर पाबंदी है. शातिर संचालक वेबसाइट आउटसोर्सिग के जरिए अपनी वेबसाइट विदेशों से बनवा लेते हैं. साइबरफ्रेम साल्युशंस के सीईओ के अनुसार ऐसे लोग यह वेबसाइट अकसर विदेशी सर्वर पर बनवाते हैं. इन पर भारतीय कानून के तहत रोक लगाना मुश्किल हो जाता है. यह गंभीर मामला है. पुलिस ने समय समय पर देह व्यापार के कई रैकेट पकड़े हैं.

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